एसएलसी-70 सागवान - आपके भविष्य की नींव... बेहतर कल के लिए
सगवान एक लम्बा स्वस्थ और देखने में बहुत खूबसूरत पेड होता है जिसका वैज्ञानिक नाम टैक्टोना ग्राडिस है। यह गर्म जलवायु में तथा सूखी मिट्टी में तेजी से बढ़ता है। सागवान मुख्य रूप से वर्मा (म्यानमार) तथा उत्तर मध्य भारत, दक्षिण भारत तथा बंगाल से लेकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में भारी मात्रा में होता है। सागवान की लकड़ी सीधी सुडौल होती है इसका रेसा हल्का भूरा या ग्रे कलर की लम्बी पतली धारियाँ होती है इसकी लम्बाई 45 मीटर तक तथा मोटाई 4 से 5 मी. राउण्ड में होती है। सागवान की लकडी का उपयोग मुख्य रूप् से कीमती फर्नीचर, भवन निर्माण, खेल सामग्री, रेल तथा पानी का जहाज, नौका आदि का निर्माण करने में किया जाता है। सागवान की लकडी की मांग पूरे विश्व में है तथा दिन प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
सगवान की इन्ही सारी खूबियों के कारण सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) ने आप किसानों की आय बढ़ाने के लिए अच्छी किस्म के एसएलसी-70 सागवान पौधा तैयार किया है। सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) पिछले पाँच सालों से आपकी सामाजिक, आर्थिक उन्नति के लिए संकल्पित है। सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) के साथ मिलकर आज भारत के ज्यादातर भागों में लोग अच्छी आय प्राप्त कर अपना जीवन स्तर बेहतर बना रहे है।
आप भी सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) के एसएलसी-70 सागवान पौधों को अपने खेतों के मेडो पर लगाकर पर्यावरण को लाभ तथा पूरे भारत को हरा-भरा बनाने के लिए सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) के संकल्प को पूरा करते हुये अपनी इनकम को कई गुना तक बढ़ा सकते है।
मुख्य विशेषताये
- एसएलसी-70 सागवान के अच्छे से अच्छे पौधों को आपके लिये चुनता है।
- एसएलसी-70 सागवान अच्छी एवं गुणवत्ता युक्त लकड़ी का निर्माण करता है।
- एसएलसी-70 सागवान कम समय में तैयार होता है। जैसा कि सागवान की प्रकृति है एसजी रॉयल सागवान सीधा एवं एक समान बहुत तेजी से बढ़ता है।
- एसएलसी-70 सागवान के पौधों में शाखाये अन्य सागवान पेड़ों की अपेक्षा कम निकलती है।
- एसएलसी-70 सागवान का विकास तेज होता है क्योकि इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही उच्चतम बना कर दी गयी है।
- एसएलसी-70 सागवान में रोग कम लगाता है जिससे आपकी लागत कम एवं आय ज्यादा होती है।
- एसएलसी-70 सागवान कड़ी परतवाली मिट्टी तथा अधिक पानी वाले क्षेत्र में मर जाता है। इसके लिये लाल मिट्टी एवं जिस मिट्टी का पी.एच. 6.5 से 7.5 के बीच में हो एसएलसी-70 सागवान के पेड़ लगाने के लिए अधिक उपयुक्त है।
- एसएलसी-70 सागवान की खेती के साथ आप पहल दो वर्ष तक चना, तम्बाकू, उड़द, मटर, पीपरमिन्ट, हल्दी, अदरक, तथा मिक्स सब्जियों की खेती कर सकते है।
- एसएलसी-70 सागवान पूरी तरह लग जाने के बाद 5 से 6 महीने तक कम सिचांई में भी जीवित रह सकता है।
- एसएलसी-70 सागवान से आप 6 से 7 वर्ष के पेड़ से कम से कम 10,000 रू तक प्रति पेड़ तक पा सकते है। यदि आप 15 वर्षो तक रखते है तो आपकी आय प्रति पेड़ 40,000 से 50,000 तक हो सकती है। आप 400 से 500 पेड़ प्रति एकड़ लगा सकते है।
इस तरह आप अपनी आय का अन्दाज खुद ही लगा सकते है।
सागवान में लगने वाले रोगों एवं कीटो से बचाव
अन्य पेड़ जैस आम अमरूद, सेव, आदि की अपेक्षा एसएलसी-70 सागवान के पेड़ पर कीट एवं रोग बहुत कम लगते है। झाझा कीट, सूढ़ी कीट, (Heliophies, Spoditer) यह एक तरह का कीड़ा होता है जो सागवान की पत्त्तियों पर लग जाता है जिससे पौधों का विकास रूक जाता है। इसका उपचार मोनोक्रोटोफॉस या कोई अन्य कीट नाशक जो आपको आसानी से उपलब्ध हो 20 मिली, 15 ली0 पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
चिटिंयाँ एवं कीडे़- हल्की मिट्टी में यह कीडे़ ज्यादा लगते है यह पौधों के तनो को नष्टकर देते है इनका उपचार आसान है पेड़ की जड़ों में लिन्डेन पावडर या क्लोरोपेरीफॉस 2 मिली. 1 प्रति ली. का घोल बनाकर छिड़काव करें।
पत्तों पर पीले धब्बे- पत्तो पर पीले रंग के छोटे-2 धब्बे पड़ जाते है जो बढ़कर काले रंग का होकर पत्तों को सड़ा देते है। जिससे पूरा पोधा नष्ट हो जाता है।
उपचार- बाविस्टन, पावडर 2 ग्राम या मैक्रोजव 3 ग्राम के 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
पत्ते पीले पड़ जाना- यह सागवान में दिखने वाला मुख्य रोग है। भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पौधे पीले पड़ जाते है।
उपचार- सूक्ष्म पोषक तथ्वों के साथ सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) के Grow Max - 82 लिक्विड का प्रयोग करना चाहिये।
पेड़ो का सूखना- एसएलसी-70 सागवानके खेतो में सिचाई का प्रबन्ध उचित होना चाहिये। जलजमाव नही होने देना चाहिये। बारिश के मौसम में पेड़ो की जड़ पर मिट्टी रख दे जिससे पानी न लगाने पाये। ज्यादा समय तक पानी लगने से पौधे सड़ जाते है।
सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) द्वारा दी जाने वाली सुविधाये
- एसएलसी-70 सागवान आपके लिए बहुत ही उच्च क्वालिटी का पौधा तैयार करते है। 5 यूनिट या उससे अधिक पौधा खरीदने वाले किसान को कम्पनी की तरफ से मुफ्त में प्रशिक्षित कृषि विशेषज्ञों द्वारा उचित तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी।
- कम्पनी समय-समय पर आपको उचित सलाह देती रहेगी तथा जब भी आप को कोई आवश्यकता पडे़गी आपके बुलाने पर हमारे विशेषज्ञ हमेशा आपको सेवा देने की कोशिश करेंगें।
- कम्पनी एक बार आपके लगाये एसएलसी-70 सागवान पौधों को नष्ट होने पर फ्री में बदल कर देगी।
- एसएलसी-70 सागवान का पेड़ लगाने के लिये आपको किसी भी प्रकार की सरकारी अनुमति की आवश्यकता नही है।
- एसएलसी-70 सागवान पौधों को प्राप्त करने के दस दिन के अंदर पौधों को लगाना अनिवार्य है।
- एसएलसी-70 सागवान पौधों को लगाने के बाद सिर्फ पहली बार मरने वाले पौधों के बदले मुफ्त में पौधे दिये जाएँगे। पौधा लगाने के लिए जमीन में (1'x1'x1') फीट का गड्ढ़ा
खोदकर पौधा लगाना है। पौधों के बीच में 12'x9' फीट की दूरी अवश्य बनाये रखें।
- एसएलसी-70 सागवान लगाकर आप कम्पनी के साथ मिलकर पर्यावरण सन्तुलन बनाने में, हमारा, प्रदेश का तथा देश के विकास में सहयोग करें तथा बेहतर कल के लिए अपनी आय को बढ़ायें।
नोट-एसएलसी-70 सागवान के पेड़ों को विशेषकर पहले 5-6 वर्ष तक तालिका में लिखित मात्रा के अनुसार खाद, पानी व कीटनाशक के साथ Grow Max - 82 की उचित मात्रा का प्रयोग करें, इससे एसएलसी-70 सागवान के पौधों का तेज विकास होता है और पेड़ जल्दी तैयार होते है।
खाद |
प्रथम वर्ष मात्रा (ग्राम) |
द्वितीय वर्ष मात्रा (ग्राम) |
तृतीय वर्ष मात्रा (ग्राम) |
चतुर्थ वर्ष मात्रा (ग्राम) |
पंचम वर्ष मात्रा (ग्राम) |
यूरिया |
65 |
100 |
125 |
150 |
200 |
युपर फॉस्फेट |
190 |
250 |
310 |
375 |
440 |
पोटाश |
35 |
50 |
65 |
65 |
100 |
डी.ए.पी. |
65 |
85 |
110 |
110 |
150 |
सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) आपके लिए उपलब्ध कराता है अच्छी किस्म का क्लोन यूकेलिप्टस पौधा, जो लगाने के पांच वर्ष के अन्दर पहली कटाई के लिए तैयार हो जाता है। यह पांच वर्ष में 22 से 25 इंच तक लपेट में मोटा हो जाता है तथा इससे लगभग 2 कुन्टल तक लकड़ी तैयार मिलती है। कटाई के बाद पुनः उन्ही जड़ों से दुबारा बिना किसी लागत के फिर से पांच साल में पौधा तैयार हो जाता है। अतः आप भी क्लोन यूकेलिप्टस पौधा लगाकर अपनी आय को कई गुना बढ़ाइये तथा हमारे साथ मिलकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपना अमूल्य योगदान दें।
Grow Max - 82 (एक चमत्कारिक उत्पाद )
यह एक अद्धितीय एवं आधुनिक उत्पाद है, जिसे कीटनाशक, फफूँदीनाशक, खरपतवारनाशक, पत्ता खाद व पौधा पोषकों में मिलाकर उसके असर को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
Grow Max - 82 का इस्तेमाल कहाँ कर सकते है-
इसका प्रयोग सभी प्रकार की फसलों, फलों, सब्जियों तथा नर्सरी, गोल्फकोर्स, फार्म हाउस, घरेलू पेड़-पौधों व किचन गार्डन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
Grow Max - 82 का प्रयोग विधि-
कीटनाशक के साथ- कीटनाशक के साथ Grow Max - 82 को इस्तेमाल करने से पहले कीटनाशक की मात्रा 20% कम कर लें। फिर टंकी (15 ली0 पानी) में कीटनाशक
के साथ 10 मिली0 Grow Max - 82 मिलाकर प्रयोग करें।
परिणाम- पत्तों पर कीटनाशक को चिपका देगा, जिससे दवा ज्यादा भाग पर फैल जाती है और 100% असर करती है। हवा चलने या वर्षा होने पर भी कीटनाशक का असर जल्दी खत्म नही होगा। पौधा ज्यादा स्वस्थ होगा एवं फल व फूल ज्यादा होगें। अनाज, फल एवं सब्जियां ज्यादा चमकदार व सुन्दर होगीं। पैदावार पहले से काफी ज्यादा प्राप्त होगी।
खरपतवार नाशक के साथ- खरपतवार नाशक की मात्रा को 20% कम कर लें, फिर टंकी (15ली0 पानी) में खरपतवार के साथ 20 मिली0 Grow Max - 82 मिलाकर प्रयोग करें। परिणाम- खरपतवार को नष्ट करने के लिए एवं नये खरपतवार के जमाव को रोकने के में अति सहायक और फसल पर कोई दुष्प्रभाव नही।
खाद के साथ- यदि आप यूरिया, डाई, जिंक, पोटाश आदि के साथ प्रयोग करते हैं तो पहले इनकी मात्रा 20% कम कर लें। फिर प्रति एकड़ 500 मिली0 Grow Max - 82 मिलाकर प्रयोग करें।
प्रिणाम- खाद की बचत तथा खाद पहले से ज्यादा प्रभावशाली। भूमि की उर्वरा शक्ति की कमी में रोकथाम। फसल को ज्यादा हरियाली प्रदान करेगा। पैदावार में बढ़ोत्तरी।
सिंचाई के साथ- प्रति एकड़ खेत की सिचांई में 360 मिली0 2 मिलाकर प्रयोग करें। प्रयोग विधि- 2 ली0 बोतल में 20 मिली Grow Max - 82 मिलाकर पानी से भर दें एवं उसमें छेदकर उसे जिस नाली नाली से पानी जा रहा है। उस पर उल्टा लटका दें। बोतल खाली होने पर यही प्रक्रिया पुनः दोहरायें।
परिणाम- खेत की सिंचाई कम समय में और नमी ज्यादा देर रहेगी। भूमि के अन्दर पड़े पौष्टिक तत्वों को सक्रिय कर देता है। जमीन की रंध्रावकाश बढ़ाकर मिट्ठी को भुरभुरी बनाता है। जिससे हवा, सूर्य, प्रकाश की आवागमन को सरल बनाता है तथा जल धारण क्षमता में वृद्धि करता है।
जिसको कृषि विशेषज्ञों ने प्रमाणित किया है। जिसके परिणाम निम्नलिखित हैं - कीटनाषक, खाद, सिचांई के साथ प्रयोग किये जाने पर पौधों की बीमारी पर पूर्णतया रोकथाम एवं लगभग 8000 रू0 प्रति एकड़ तक अतिरिक्त लाभ।
तो किसान भाई देर किस बात की!
Grow Max - 82 का प्रयोग करके अपने खेतों में सोना और पेड़ों पर पैसा उगायें
'सेंजारा लाइफ केयर (एसएलसी) के प्रतिष्ठित, एवं समृद्धशाली व्यापार श्रृखंला से जुड़कर, पर्यावरण सुधार के साथ-साथ अपने निवेश को कई गुना तक बढ़ाये।
तो किसान भाईयो आज ही निर्णय लें, अपने खेतों व फसलों में Grow Max-82 का उपयोग करें तथा एसएलसी-70 सागवान लगायें और अपने परिवार के सुरक्षित भविष्य की नींव रखें एवं पर्यावरण सन्तुलन बनाने में अपना योगदान दें।'